Saturday, September 04, 2021

 

कदम साब की बग्गी

 कदम साब की बग्गी 


सन् उनईस सौ पचास की बात कर रहा हूं मै, जब शिवपुरी .प्र. के डीएसपी कदम साब मेरे पिताजी के अक्सर अच्छे दोस्त हुवा करते थे. ऊंचे कद वाले तगडा बदन कदम साब पुलिस मे रहते हुए भी काफी खुशमिजाज और दिलदार आदमी थे. कभीकभार पिताजी उनके साथ शिकार पर चले जाते और देर रात तीनचार बजे वापिस घर लौटते. उन दिनों शिकार पर कोई पाबंदी नही थी और शेर का शिकार कुछ अलग एहमियत रखता था. खैर, कभी शेर तो हाथ नही लगा लेकिन छोटेमोटे जंगली जानवर पा कर वे लोग संतुष्ट रहते. असल मे शिकार के बजाय कदम साब की खानदानी दोस्ती को पिताजी ज्यादा तबज्जोह दिया करते थे. वाकई बडे उमदा दिल थे कदम साब

मुझे एक वाकया साफ साफ याद रहा है, जब एक अप्रैल को वहां के एक्जीक्युटीव इंजिनियर आठवले साहब को इन पांच छै अफसरों ने शानदार तरीके से एप्रिल-फूल बनाया था. उन दिनों प्रदेश के राज्यपाल को राजप्रमुख कहा करते थे और वे छुट्टी मनाने कभी कभी शिवपुरी सर्किट हाऊस मे मुकाम करते थे

शिवपुरी के डिप्टी कलेक्टर रहालकर, डीएसपी कदम, ट्रेजरी अफसर साहेबराव देसाई, सिविल सर्जन डाक्टर रानडे, डिग्री कालेज प्रिन्सिपाल देशपांडे सर, डीएफओ भोसले साब (सबके सब चट्टे बट्टेऔर कुछ अन्य अफसरों ने प्लान बनाया और राजप्रमुख का शिवपुरी दौरा झूटमूट ऐलान कर दिया. चूंकी सर्किट हाऊस की जिम्मेवारी आठवले साब की थी, उन्हे आगाह कर दिया गया की राजप्रमुखबडा खानायाशाही खानापसंद करेंगे और जिले के सभी अफसरान के साथ उसका लुफ्त उठायेंगे ! राजप्रमुख का नकली लेटरहेड बनाया गया और चीफ सेक्रेटरी के हुबेहूब हस्ताक्षर से इतल्ला दी गई. आगे का हाल आप खुद समझ जाएं ! (Of course it was all fun only and even Mr. Athawale had a hearty laugh —- later on ! ) 


कदम कदम मिलाए जा’  यह गीत उन दिनो काफी मशहूर था और बचपन से ही पहले शाखा और फिर एनसीसी की वजह से कदम मिलाकर चलेन की आदतसी हो गई

जिंदगी मे बहोत बार कदम साब की बग्गी से सफर किया. कभी साईकल पंचर होने के कारण, कभी कार घने जंगलों मे अड जाने के कारण, कभी उफनती नदी पार करवाने के लिये और अभी अभी हवाई अड्डेपर व्हीलचेअर या ट्राली समय पर ना मिलने की वजह से


वैसे मुझे पैदल चलना हमेशा अच्छा लगता था, केवल जबरदस्ती चलना पडे तब मै खुद से लड लेता. लोग अक्सर ग्यारह नंबर की बस का बखान करते हैं जब पैदल चलने के सिवा कोई रास्ता ही ना हो, लेकिन एक असलियत बता ही दूं ! लंदन मे ग्यारह नंबर की बस राईड मुझे बेहद पसंद है, चूंकी वह मेरे फेवरिट इलाकों से गुजराती है - मसलन् चेलसी, विक्टोरिया, पार्लियामेंट स्क्वेअर, टेन डाउनिंग स्ट्रीट, ट्रॅफलगार वगैरह ! ! 


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डाक्टर रहालकर

पुने 

  सितंबर २०२१ 


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